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दादा साहेब फाल्के के 148 वें जन्मदिन के मौके पर उन्हें गूगल ने डूडल बनाकर दी श्रद्धांजलि

Updated 30 April, 2018 09:59:14 AM

भारतीय सिनेमा को जन्म देने वाले दादा साहेब फाल्के का आज 148वां जन्मदिन है। इस मौके पर गूगल ने डूडल बनाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी है। उनका जन्म 30 अप्रैल,1870 को महाराष्ट्र के नासिक शहर में हुआ था। उनके पिता संस्कृत के विद्धान थे और अच्छी जिंदगी की तलाश के लिए परिवार के साथ नासिक से मुंबई आए थे। दादा साहेब का बचपन से रुझान कला की ओर रहा था।

मुंबई: भारतीय सिनेमा को जन्म देने वाले दादा साहेब फाल्के का आज 148वां जन्मदिन है। इस मौके पर गूगल ने डूडल बनाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी है। उनका जन्म 30 अप्रैल,1870 को महाराष्ट्र के नासिक शहर में हुआ था। उनके पिता संस्कृत के विद्धान थे और अच्छी जिंदगी की तलाश के लिए परिवार के साथ नासिक से मुंबई आए थे। दादा साहेब का बचपन से रुझान कला की ओर रहा था। उन्होंने साल 1855 में जे.जे.कॉलेज ऑफ आर्ट में दाखिला लिया। उन्होंने नाटक कंपनी में चित्रकार और पुरात्तव विभाग में फोटोग्राफर के तौर पर काम भी किया।

 

 

पढ़ाई में मन ना लगने के बाद उन्होंने फिल्मकार बनने का फैसला लिया और दोस्त से रुपये लेकर लंदन चले गए। लंदन में उन्होंने दो हफ्ते बिताए और फिल्म की बारिकियां सीखने के बाद मुंबई लौट आए। यहां फाल्के फिल्म कंपनी की स्थापना की और अपने बैनर तले 'राजा हरिश्चंद्र' नामक फिल्म बनाने का निर्णय लिया। पहले फिल्म के लिए फाइनेंसर नहीं मिला।  दादा साहेब चाहते थे कि उनकी फिल्म में अभिनेत्री का किरदार कोई महिला निभाए, लेकिन किसी ने भी इसके लिए हां नहीं की क्योंकि उस समय  महिलाओं का काम करना अच्छा नहीं माना जाता था।

 

 

महिला एक्ट्रेस की तलाश में उन्होंने कोठे तक के चक्कर लगाए। आखिरकार एक भोजनालय में बावर्ची के तौर पर काम करने वाले व्यक्ति अन्ना सालुंके को फिल्म की हीरोइन के तौर पर चुना। फिल्म निर्माण से जुड़ी हर छोटी बड़ी चीज की जिम्मेदारी उन्होंने खुद उठाई और 15 हजार रुपये के साथ उनकी मराठी फिल्म का निर्माण हुआ। तीन साल की कड़ी मेहनत के बाद 3 मई, 1913 को मुंबई के कोरनेशन सिनेमा में किसी भारतीय फिल्मकार द्वारा बनाई गई पहली फिल्म 'राजा हरिश्चिंद्र' का प्रदर्शन हुआ। यह फिल्म टिकट खिड़की पर  सुपरहिट साबित हुई।  

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