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'तुम एक मौत से दहलते,वो हर रोज मरता है उसे इंसान रहने दो मसीहा बना सूली पर मत चढ़ाओ' Doctors के दुःख को बयां करते नकुल मेहता के शब्द

Updated 16 May, 2021 01:54:36 PM

एक्टर नकुल मेहता सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं। वह अक्सर सोशल मीडिया पर समाज से जुड़े मुद्दों पर अपनी राय रखते हैं। कोरोना काल में देश के बिगड़ते हालातों को देख प्रशासन और नेताओं पर लिखी नकुल की कविता तो आपको याद ही होगी। वहीं अब नकुल ने कोरोना काल में 18 18 घंटे काम कर रहे डाॅक्टर्स के दर्द को बयां किया है। नकुल ने कहना है कि डाॅक्टर्स को इंसान ही रहमे दो उन्हें मसीहा मत बनाओ। नकुल की ये कविता सुन आपकी भी आंखों से आंसू आ जाएंगे।   वीडियो इस वक्त सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है

मुंबई:  एक्टर नकुल मेहता सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं। वह अक्सर सोशल मीडिया पर समाज से जुड़े मुद्दों पर अपनी राय रखते हैं। कोरोना काल में देश के बिगड़ते हालातों को देख प्रशासन और नेताओं पर लिखी नकुल की कविता तो आपको याद ही होगी। वहीं अब नकुल ने कोरोना काल में 18 18 घंटे काम कर रहे डाॅक्टर्स के दर्द को बयां किया है। नकुल ने कहना है कि डाॅक्टर्स को इंसान ही रहमे दो उन्हें मसीहा मत बनाओ। नकुल की ये कविता सुन आपकी भी आंखों से आंसू आ जाएंगे।   वीडियो इस वक्त सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है।

Bollywood Tadka

 

कविता के बोल- 

डॉक्टर कोई भगवान नहीं 
भगवान पर तो तुमने 
अलग अलग लेबल लगाकर 
बंद कर दिया मजहब की मीनारों में 
डॉक्टर सिर्फ इंसान हैं
दम घोंटते PPE सूटों में लिपटा 
हर रोज अठारह अठारह घंटे मौत से जूझता 
उसे इंसान ही रहने दो 
सूली चढ़ा मसीहा मत बनाओ 

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तुम एक मौत से दहल जाते हो 
वो हर रोज तिल तिल मरता है 
थक गया है सांसों को उखड़ते देखते 
900 हेल्थ वर्कर खाक हो गए 
तुम्हारी ये लड़ाई लड़ते लड़ते 
याद है, पांच सौ सत्ताईस मरे थे कारगिल में!

नहीं चाहिए उन्हें तुम्हारा शहादत का तमगा 
मत बनाओ उनकी मूर्तियां
इस देश में वैसे ही भीड़ लगी है 
पूजवाने वालों की 
अगर कुछ कर सकते हो 
तो बस इतना करो 
सुनो वो क्या कह रहे हैं 
पिछले एक साल से 

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मूर्खों, ये कोई छोटा मोटा फ्लू नहीं है 
जो कपाल भाति से मिट जायेगा 
जब ऑक्सीजन की एक एक बूंद को तरसोगे 
तो कोई पी टी, कोई नेशनल अवार्ड काम न आएगा 

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जब तुम मशगूल थे धर्म की रैलियों में 
राजनीति की रंगरेलियों में 
तब हमारे डॉक्टर, नर्स, वार्डबॉय ही थे 
जो खड़े थे फ्रंट पर 
एक एक जान के लिए लड़ते 
हाथ जोड़े विनती करते 
मास्क लगाओ, घर पर रहो 
गर बच गए तो खूब मनाना 
शादी ब्याह चुनाव सरकारें 

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अब एक साल से ऊपर हो गए 
तुमसे मिन्नतें करनेवाले 
900 बहादुर भी कम हो गए 
बाकी आज भी वहीं खड़े हैं 
अठारह अठारह घंटे 
ppe सूट में लिपटे 
अभी भी हाथ जोड़े, विनती करते 
मास्क लगाओ, दूरी रखो 
जब तक ज़रूरी न हो घर से बाहर न निकलो 
और हाँ, वैक्सीन लगवाओ 

डॉक्टर भगवान नहीं 
लेकिन भगवान से मिलने की 
तुम्हें ऐसी भी क्या जल्दी है 

मास्क लगाओ, वैक्सीन लगाओ

सोशल मीडिया पर नुकल मेहता की इस कविता की लोग जमकर तारीफ कर रहे हैं। लोग इसे पसंद कर रहे हैं और लगातार रीशेयर भी कर रहे हैं।काम की बात करें तो नकुल  सीरियल 'इश्कबाज', 'दिल बोले ओबेरॉय', 'प्यार का दर्द है मीठा मीठा प्यारा प्यारा' में नजर आए थे।

Content Writer: Smita Sharma

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