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मोहन भगवत के दिल को छू गई विवेक अग्निहोत्री की 'जीवन की रसधारा!

Updated 11 January, 2024 06:13:17 PM

पहली फ़िल्म ने अपनी कहानी और दृढ़ विश्वास से देश को हिलाकर रख दिया और प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कार सहित कई पुरुस्कारें जीते तो वहीं दूसरी फिल्म ने भारतीय महिला वैज्ञानिकों की भावना और कोरोना वैक्सीन के पीछे के दिमाग को सलाम किया।

नई दिल्ली। विवेक रंजन अग्निहोत्री भारतीय सिनेमा जगत के उन फिल्म निर्माताओं में से एक हैं जो अपनी विचारोत्तेजक, साहसिक और वास्तविक जीवन पर आधारित कहानियों के माध्यम से समाज और जनता को आइना दिखाते हैं। फिल्म निर्माता ने अपनी दो वास्तविक जीवन पर आधारित कहानियों, 'द कश्मीर फाइल्स और 'द वैक्सीन वॉर' से दर्शकों के दिलों पर अमिट छाप छोड़ी है। जहां पहली फ़िल्म ने अपनी कहानी और दृढ़ विश्वास से देश को हिलाकर रख दिया और प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कार सहित कई पुरुस्कारें जीते तो वहीं दूसरी फिल्म ने भारतीय महिला वैज्ञानिकों की भावना और कोरोना वैक्सीन के पीछे के दिमाग को सलाम किया।

 

एक उत्कृष्ट स्टोरीटेलर होने के अलावा, विवेक रंजन अग्निहोत्री ने एक पुस्तक लेखक के रूप में भी अपनी क्षमता साबित की है, और उनके द्वारा लिखी गई पुस्तकों ने कई प्रसंशाए भी हासिल की हैं।  उनकी हाल ही में लिखी और प्रकाशित पुस्तक, "जीवन की रसधारा" 'सफलता के लिए बुद्ध के साथ मेरा आध्यात्मिक नृत्य" को भी पाठकों से बहुत प्यार और सराहना मिली है।  फिल्म निर्माता ने प्रमुख व्यक्ति मोहन 
भागवत जी को अपनी व्यापक रूप से प्रशंसित ऑटोग्राफ पुस्तक की एक  प्रति भेंट की।  

 

विवेक रंजन अग्निहोत्री ने सोशल मीडिया पर अपडेट शेयर करते हुए लिखा, ''भारतीय दर्शन को सरल तरीके से जीवन में स्थापित करने की यह कोशिश ''जीवन की रसधारा'', धीरे-धीरे बिकनी शुरू हुई। लेकिन अब गांव -शहरों में युवा लोग इतनी खरीद रहे हैं कि मैं भी आश्चर्यचकित हूँ। शायद भारतीय दर्शन की यही ताक़त है।

 

 

''भारतीय दर्शन को सरल तरीके से जीवन में उतारने का यह प्रयास ''जीवन का रस'' धीरे-धीरे बिकने लगा।  लेकिन अब गांवों और शहरों में युवा इतनी खरीदारी कर रहे हैं कि मैं भी हैरान हूं।  शायद यही भारतीय दर्शन की ताकत है.  

Content Editor: Varsha Yadav

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